यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में कितनी पेंशन बनेगी : -
- 10 साल तक 10000 /- +DA
- 11 साल 22% ऑफ बेसिक+DA
- 12 साल 24% ऑफ बेसिक+DA
- 13 साल 26% ऑफ बेसिक+DA
- 14 साल 28% ऑफ बेसिक+DA
- 15 साल 30% ऑफ बेसिक+DA
- 16 साल 32% ऑफ बेसिक+DA
- 17 साल 34% ऑफ बेसिक+DA
- 18 साल 36% ऑफ बेसिक+DA
- 19 साल 38% ऑफ बेसिक+DA
- 20 साल 40% ऑफ बेसिक+DA
- 21 साल 42% ऑफ बेसिक+DA
- 22 साल 44% ऑफ बेसिक+DA
- 23 साल 46% ऑफ बेसिक+DA
- 24 साल 48% ऑफ बेसिक +DA
- 25 साल 50% ऑफ बेसिक+DA
- 25 साल से ज्यादा 50% ऑफ बेसिक+DA
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इसे भी पढ़ें: यूनिफाइड पेंशन स्कीम में क्या है खास।
Q. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत केद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए फिक्स पेंशन का प्रावधान किया है। यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे। पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। नई पेंशन योजना न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। यानी केंद्रीय कर्मचारियों को कम से कम 10 हजार रुपये का फिक्स पेंशन मिलेगा।
Q. UPS का फायद कौन कर्मचारी ले सकते हैं?
केंद्र सरकार ने कहा है कि 2004 के बाद से NPS के तहत पहले ही रिटायर हो चुके या अभी काम कर रहे कर्मचारी इस स्कीम को चुन सकते हैं। कर्मचारियों के पास एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।
Q. राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी मिलेगा फायदा?
यह राज्य सरकार पर निर्भर करेगा। अगर वे अपने कर्मचारियों को यूपीएस के तहत पेंशन देना चाहेंगे तो इसके लिए स्वतंत्र होंगे।
Q. NPS से UPS कितना अलग?
न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस में कर्मचारियों को फिक्स पेंशन का प्रावधान नहीं था। एनपीएस पूरी तरह से शेयर मार्केट रिटर्न पर आधारित था। इसलिए इसको लेकर कर्मचारियों में असंतोष था। वहीं, यूपीएसी में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) जैसा फिक्स पेंशन देने का प्रावधान है। UPS में सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50% निश्चित पेंशन के तौर पर मिलेगा।
Q. UPS से केंद्रीय कर्मचारी को क्या फायदे मिलेंगे?
यूपीएस में कर्मचारियों को फिक्स पेंशन मिलेगा। इतना ही नहीं, अगर कर्मचारी की अकस्मात मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को मौत के समय उसकी जो पेंशन बनेगी, उसका 60% डिपेंडेंट फैमिली को मिलेगा। इतना नहीं, अगर किसी की सर्विस 10 साल से कम भी है तो उसे 10 हजार रुपये का पेंशन मिलेगा। यानी इस नई स्कीम के तहत 10 हजार रुपये न्यूनतम पेंशन मिलना तय है। इसके साथ ही महंगाई बढ़ने का भी लाभ इसमें समय-समय पर दिया जाएगा। इससे कर्मचारियों की पेंशन समय के साथ बढ़ती जाएगी। DA ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा
Q. एनपीएस से यूपीएस में आने पर कितना ब्याज मिलेगा?
अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी एनपीएस के तहत रिटायर हुआ है और वह यूपीएस में शिफ्ट होता है तो सरकार बकाया रकम एरियर के तौर पर देगी। बकाया रकम पर सरकार ब्याज भी देगी। कर्मचारी के बने एरियर्स पर PPF रेट से ब्याज मिलेगा।
Q. केद्र सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा?
एनपीएस में कर्मचारियों को पेंशन के लिए सैलरी का 10% हिस्सा योगदान करना होता है। वहीं, सरकार 14% करती है। वहीं, यूपीएस में सरकार 18.5% योगदान देगी। इससे कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि, ऐसा करने से सरकार पर पहले साल 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
पेन्शन का मतलब केवल 50% + DA नहीं: OPS के फायदे और विशेषताएँ
1. वेतन आयोग की समीक्षा: हर 10 साल में पेन्शन बेसिक का रिविजन होता है, जिससे पेन्शन का बेसिक लगभग दोगुना हो जाता है। 20 साल में यह चार गुना भी हो सकता है।
2. 40% पेन्शन की बिक्री: OPS में पेन्शन की बिक्री की सुविधा होती है।
3. वृद्धावस्था में बढ़ोतरी: 80 साल की आयु के बाद 20% वृद्धावस्था बढ़ोतरी, 85 पर 30%, 90 पर 40%, 95 पर 50%, और 100 साल की आयु पर 100% वृद्धावस्था बढ़ोतरी।
4. मेडिकल सुविधा: OPS में मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध है।
5. VRS (Voluntary Retirement Scheme): OPS में VRS का लाभ प्राप्त होता है।
6. डीसेबिलिटी पेन्शन: विशेष अस्थायी पेन्शन और डीसेबिलिटी पेन्शन के साथ कुछ समय बाद नौकरी जॉइन करने का प्रावधान भी है।
7. GPF सेविंग: OPS में GPF की सेविंग बिना NPS जैसे बंधनों के उपलब्ध होती है और 10% की अनिवार्यता भी नहीं होती।
8. GPF कटौती की गारंटी: GPF कटौती की पूरी वापसी की गारंटी होती है।