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Pension News: NPS के जगह नया गारंटीड पेंशन सिस्टम

Pension News: मोदी सरकार ने NPS के तहत पेश किया नया प्रस्ताव, सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा बेसिक पे का 50 फीसदी पेंशन

प्रस्तावित योजना के तहत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अंतिम बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा, जो मौजूदा बाजार-आधारित रिटर्न सिस्टम में बड़ा बदलाव है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभों में उल्लेखनीय सुधार की पेशकश की है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव अंतिम बेसिक पे का 50 फीसदी तक पेंशन के रूप में सुनिश्चित करने का है, जो वर्तमान बाजार-आधारित रिटर्न सिस्टम से एक महत्वपूर्ण बदलाव है।

टी वी सोमनाथन पेंशन योजना समिति

मार्च 2023 में, नरेंद्र मोदी सरकार ने NPS के तहत पेंशन लाभों में सुधार के तरीकों की खोज के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जो कि गैर-अंशदायी पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) की ओर वापस जाने से बचने के लिए की गई थी। ओपीएस को वित्तीय रूप से अस्थिर माना गया है। कई राज्यों ने NPS को छोड़कर OPS की ओर वापस जाना शुरू कर दिया है।

समिति को इस कार्य के लिए कोई समय सीमा नहीं दी गई थी और इसमें वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में विशेष सचिव राधा चौहान, एनी मैथ्यू और पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दीपक मोहंती शामिल थे।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, समिति की रिपोर्ट मई में प्रस्तुत की गई, जो 2023 में शुरू किए गए आंध्र प्रदेश एनपीएस मॉडल के जैसा ही है।

पुरानी पेंशन योजना (OPS) बनाम राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)

OPS के तहत, 2004 से पहले के सरकारी कर्मचारियों को कम से कम 20 वर्षों की निरंतर सेवा के साथ उनकी अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता है। 10-20 वर्षों की सेवा वाले कर्मचारियों को महंगाई के अनुसार वर्ष में दो बार समायोजित प्रॉ-राटा पेंशन (pro-rata pension) मिलती है।

इसके विपरीत, वर्तमान NPS के तहत, न्यूनतम 40 फीसदी संचित योगदान को एन्युइटी में निवेश किया जाना चाहिए ताकि मासिक पेंशन उत्पन्न हो सके, जो गारंटीकृत नहीं है और एन्युइटी रिटर्न के अधीन है। शेष 60 फीसदी को बिना कर के निकाला जा सकता है।

प्रस्तावित गारंटीकृत पेंशन विकल्प NPS के तहत इन मौजूदा मानदंडों को संशोधित करेगा।

क्या है आंध्र का नया गारंटीड पेंशन सिस्टम और क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

Pension News: डिटेल में जानिए क्या है आंध्र प्रदेश का नया गारंटीड पेंशन सिस्टम (Guaranteed Pension System) और ये कैसे काम करता है।

Pension News: आंध्र प्रदेश का नया गारंटीड पेंशन सिस्टम (Guaranteed Pension System) फिलहाल एक बेहतर विकल्प के तौर पर नजर आ रहा है। आंध्र प्रदेश के गारंटीड पेंशन सिस्टम (GPS) को पुरानी और नई पेंशन स्कीम का मिश्रण कह सकते हैं. आइए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं।

क्या है आंध्र पेंशन सिस्टम?

27 सितंबर को राज्य विधानसभा में पारित आंध्र प्रदेश गारंटीड पेंशन सिस्टम विधेयक 2023, पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme, OPS) और नई पेंशन योजना (New Pension Scheme, NPS) जिसे 2004 में शुरू किया गया था, का मिश्रण है. यह एक कॉन्ट्रिब्यूटरी स्कीम यानी अंशदायी योजना (Contributory scheme) है, जो गारंटी देती है कि सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम सैलरी का 50 फीसदी, मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा (यानी रिटायर होने से पहले, जो भी कर्मचारी की अंतिम सैलरी थी, उसका 50 फीसदी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा) और इसमें महंगाई भत्ता राहत भी शामिल होगा. NPS को लेकर हो रहे विरोध को दूर करने के लिए आंध्र प्रदेश ने GPS की शुरुआत की थी क्योंकि NPS को कई लोगों ने पिछली योजना से कमतर माना था. अगर पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लाया जाता तो इससे 2050 तक राज्य का राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट 8% तक पहुंच जाता. इसलिए किसी दूसरे विकल्प का ढूंढ़ा जाना जरूरी था।

इस योजना की जरूरत क्यों पड़ी?

एक दशक से ज्यादा समय बाद भारत ने आखिरकार पेंशन सुधारों को लागू किया गया जिसके तहत 2004 में NPS की शुरुआत हुई. लेकिन समय के साथ लोगों को यह महसूस होने लगा है कि जो लोग पुरानी स्कीम के तहत पेंशन हासिल कर रहे हैं, उनकी स्थिती नई पेंशन स्कीम NPS के तहत पेंशन वालों से बेहतर है. राजनीतिक दलों ने भी सत्ता में चुने जाने पर पुरानी पेंशन स्कीम फिर से लाने का वादा किया. दरअसल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ पुरानी योजना पर लौट आए हैं जबकि हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं. आंध्र प्रदेश की पेंशन योजना ऐसे में एक बीच का विकल्प माना जाता रहा है जिससे पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

आंध्र सिस्टम कैसे काम करता है?

सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ाए बिना पेंशन का यह विकल्प काफी आकर्षक नजर आता है. यह अंशदायी योजना (Contributory scheme) कर्मचारी को मिली अंतिम सैलरी के 50% पेंशन की गारंटी देती है। NPS से रिटर्न में किसी भी कमी को सरकारी फंड से पूरा किया जाता है. आज NPS पेंशन कर्मचारी के अंतिम वेतन का लगभग 40% है। इसलिए, सरकार को केवल शेष राशि यानी बैलेंस के लिए फंड देना होगा।

लोग NPS के खिलाफ क्यों हैं?

पुरानी स्कीम के विपरीत NPS एक अंशदायी योजना (Contributory scheme) है, जहां कर्मचारी और नियोक्ता दोनों एक कॉर्पस में भुगतान करते हैं जिसे रिटर्न देने के लिए निवेश किया जाता है. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को मासिक पेंशन मिलती है, लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के उलट NPS में मिलने वाले अमाउंट गारंटीड नहीं होता है क्योंकि यह कॉर्पस से मिलने वाले रिटर्न के साथ-साथ मार्केट की स्थितियों पर निर्भर करता है. इसमें महंगाई या वेतन आयोग की सिफारिशों को भी शामिल नहीं किया गया है. मार्केट की खराब स्थिति के कारण इससे होने वाली कटौती की आशंका के चलते NPS का विरोध बढ़ गया है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) भारत सरकार के वेबसाइट

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