प्रो० चन्द्रशेखर मंत्री, शिक्षा विभाग का शिक्षा एवं उससे संबंधित विषयों पर प्रस्तावित मांग संख्या - 21 पर वक्तव्य। Edu. Minister Bihar Speech - Niyojit Teacher - BPSC TRE - HM

प्रो० चन्द्रशेखर मंत्री, शिक्षा विभाग का शिक्षा एवं उससे संबंधित विषयों पर प्रस्तावित मांग संख्या - 21 पर वक्तव्य। Edu. Minister Bihar Speech

卐 बिहार सरकार卐

प्रो० चन्द्रशेखर, मंत्री, शिक्षा विभाग 

का मांग संख्या - 21 पर 
वक्तव्य ( 2023 - 2024) 
शिक्षा विभाग, बिहार, पटना 

मान्यवर अध्यक्ष महोदय, 

        आज दिनांक-13 मार्च, 2023 को शिक्षा एवं उससे संबंधित विषयों पर प्रस्तावित माँग संख्या - 21 पर सदन में अपना वक्तव्य देते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है । 

Edu Minister Bihar Speech

नेल्सन मंडेला ने कहा था कि “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते है।" 

        संविधान के समतामूलक समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करने में भी शिक्षा का अमूल्य योगदान है। बिहार की सबसे बड़ी ताकत उसका मानव संसाधन है । मानव बल को सुशिक्षित, कौशल सम्पन्न और सशक्त बनाकर हम अपनी विपुल जनसंख्या को वरदान में बदल सकते हैं। शिक्षा हम सभी के उज्जवल भविष्य के लिए एक आवश्यक उपकरण है। हम शिक्षा के उपकरण का उपयोग करके जीवन में कुछ भी अच्छा हासिल कर सकते हैं। इसलिए हर एक व्यक्ति को शिक्षित होने की आवश्यकता है, क्योकि हर एक बच्चा पढ़ेगा तभी बिहार और देश उन्नति की राह पर अग्रसर होगा। महोदय ये विकास ये वैभव, ये चकाचौंध सब है बेकार, यदि शिक्षा नहीं पहुँचा समाज के अंतिम व्यक्ति के घर द्वार। 

        शिक्षा ही मिटा सकती है भेदभाव, छुआ-छूत और अंधविश्वास का अंधकार, शिक्षा ही मानव का सबसे बड़ा पर्व और त्योहार । घर-घर में जब शिक्षा का दीप जलेगा, तब ही इस देश में प्रगति का फूल खिलेगा। 

बाबा साहेब डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की "शिक्षा शेरनी का दुध है, जो पीएगा वो दहाड़ेगा। " 

        राज्य सरकार सभी वर्गों के लिए खास कर समाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों-बच्चियों के लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था के लिए कटिबद्ध है और इसके के लिए अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही है । वर्त्तमान में कुल बजट का बड़ा भाग लगभग 22 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय किया जा रहा है। विभाग का ये लगातार प्रयास है कि बिहार के हर बच्चे का समग्र एवं सृजनात्मक विकास हो और प्राथमिक विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों तक बिहार अपने प्राचीन गौरव को हासिल कर सके। 

1. नवाचारी गतिविधियाँ- 

प्रारंभिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण एवं रोचक बनाने के लिए एवं छात्र-छात्राओं में छीजन (ड्रॉप आउट) को रोकने के लिए 

(क) विशेष नामांकन अभियान, 

(ख) बैगलेस सुरक्षित शनिवार, 

(ग) मासिक शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। प्रारंभिक शिक्षा में लैंगिक अनुपात की विषमता भी घटती जा रही है। वर्ष 2016-17 में प्राथमिक स्तर पर छीजन दर 22.2 प्रतिशत थी जो क्रमशः घटते हुए 2019-20 में 14.7 प्रतिशत रह गई और 2020-21 तथा 2021-22, दोनो वर्षो में शून्य हो गई । 

(घ) उच्च नामांकन अनुपात और शून्य छीजन दर से पता चलता है कि बिहार ने प्रारंभिक शिक्षा में सबके नामांकन का लक्ष्य लगभग हासिल कर लिया है । 

(ड.) इसके अलावा वर्ग 01 - से 03 के लिए विशेष पठन-पाठन सामग्री भी सभी विद्यालयों को दी गई है ताकि खेल-खेल में बच्चों को यर्थाथ परक शिक्षा दी जा सके । राज्य के शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़ तथा गुणात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से हर स्तर पर समाज के विभिन्न वर्गों से स्वैच्छिक रूप से पठन कार्य में सहायता प्राप्त करने हेतु शिक्षा दान योजना लाए जाने की कार्य योजना बनाई जा रही है । 

2. अनुकरणीय विद्यालय 

प्रत्येक जिले से अच्छी सुविधायुक्त उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से पूरे राज्य में लगभग 85 उच्च माध्यमिक विद्यालयों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें अनुकरणीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। 

3. BEST ( बेस्ट ) एप आधारित मॉनिटरिंग व्यवस्था 

BEST एप्लीकेशन एक मोबाईल एप है जिसे डिजिटल तकनीक से विकसित किया गया है। इससे राज्य के विद्यालयों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है । 

4. सिमुतल्ला विद्यालय के तर्ज पर मॉडल विद्यालय- 

सिमुतल्ला के तर्ज पर राज्य के प्रत्येक जिले में मॉडल आवासीय विद्यालय की योजना है। बिहार शिक्षा परियोजना एवं ए० एन० सिन्हा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल स्टडी, पटना के संयुक्त तत्वाधान में आधारभूत संरचना तथा उपलब्ध भौतिक संरचनाओं का सर्वेक्षण कर एवं विद्यालयों का चयन कर मॉडल आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा । नेतरहाट के अनुभवी और सिमुतल्ला विद्यालय की स्थापना काल से जुड़े शिक्षाविदों के सहयोग से इसे मुर्त्त रूप देने की कार्य योजना बनायी जा रही है। 

5. RTE अधिनियम 2009 के तहत नामांकन हेतु पोर्टल की व्यवस्था- 

RTE अधिनियम 2009 के तहत सभी विद्यालयों को प्रस्वीकृति प्राप्त करने तथा 25 प्रतिशत निःशुल्क बच्चों के नामांकन करने की पारदर्शी व्यवस्था हेतु ई-सम्बन्धन पोर्टल विकसित किया जा रहा है। निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत निःशुल्क नामांकन की अनिवार्यता को पारदर्शी रूप से लागू करने में इस पोर्टल की महती भूमिका होगी। सभी निजी विद्यालयों को इसके दायरे में लाने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। 

6. 22 जिलों में एक साथ शिक्षा भवन बनाने की व्यवस्था- 

राज्य के प्रत्येक जिला में एक शिक्षा भवन बनाने की सरकार की महत्वकांक्षी योजना है ताकि एकीकृत व्यवस्था के तहत शिक्षा विभाग का संचालन किया जा सके। सीतामढ़ी, लखीसराय, मधुबनी, बक्सर और औरंगाबाद जिला में शिक्षा भवन निर्माण के लिए 2295.08 लाख रुपए का स्वीकृत्यादेश निर्गत किया जा चुका है। जल्द ही इन जिलों में निर्माण कार्य शुरु हो सकेगे। इसके साथ ही राज्य के अन्य 17 जिलों जिसमें पूर्णिया, कटिहार, नालांदा, बेगूसराय, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, रोहतास, जमुई, मुंगेर, शिवहर, नावादा, खगरिया, किशनगंज शामिल है में भी शिक्षा भवन बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की गई है। इन 17 जिलों में शिक्षा भवन के निर्माण के लिए 8204.686 लाख रुपये खर्च किया जाना प्रस्तावित है । 

7. शैक्षणिक सत्र तथा NACC Grading में सुधार 

बिहार में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार और विकास की दिशा में सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र एवं परीक्षा व्यवस्था में सुधार लाने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी गठित की गई है, जो सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र को एक समान बनाने की दिशा में काम कर रही है। पिछले दो महीने के अंदर कई लंबित परीक्षाओं के परीक्षाफल घोषित किया गया है। राज्य में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की NACC Grading में सुधार हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया है जिसका लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है।  

8. शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, प्राध्यापकों तथा व्याख्ताओं के रिक्त पदों पर नियुक्ति- 

शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिए रिक्त शिक्षकों एवं प्राध्यापकों के पद पर नियुक्ति की कार्रवाई तेजी से की जा रही है । 

(a) वर्ष 2022 में राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में 42 हजार शिक्षकों, 

(b) मध्य विद्यालयों में लगभग 25 सौ शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक, 

(c) माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 2716 शिक्षक एवं 

(d) 369 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की गयी है । 

(e) वर्ष 2023-24 में प्रारंभिक विद्यालयों में लगभग 80 हजार शिक्षकों, 6500 शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक तथा 

(f) माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 1 लाख 30 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। इसके अलावा 

( g ) प्राथमिक विद्यालयों में 40,506 प्रधान शिक्षक एवं 

(h) उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 6 हजार प्राधानाध्यापकों की भी नियुक्ति की जायेगी । 

(i) स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कम्प्यूटर शिक्षक के 7,306 पद सृजित किये जा चुके हैं, जिन पर नियुक्ति वर्ष 2023-24 में होगी । 

(j) समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न दिव्यांगता के प्रशिक्षित विशेष शिक्षकों के प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक पद सृजित किये गये हैं, जिन पर नियुक्ति वित्तीय वर्ष 2023-24 में होगी । 

(k) इसी प्रकार उर्दु, फारसी एवं अरबी विषयों के विशेष TET / STET आयोजित कर 26500 पदों को भरने की कार्य योजना बनायी जा रही है । 

(1) नियुक्ति नियमावली में बदलाव बिहार सरकार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। सातवें चरण के शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटि रहित बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीकृत एवं निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के लिए नई नियमावली बनाई जा रही है। इससे शिक्षकों के सेवाशर्त बेहतर होंगे और अनियमितताओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा । 

(m) (a) विश्वविद्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में वर्ष 2022 में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित 48 सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति की जा चुकी है। इसके अलावा बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से प्राप्त (b) 461 सहायक प्राध्यापक के अनुशंसा पर न्यायादेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। (c) वर्ष 2023-24 में लगभग 03 हजार अतिरिक्त सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति की जायेगी । (d) राज्य के सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2022 में 356 व्याख्याताओं की नियुक्ति की गयी है । 

9. सतत् मूल्यांकन- प्रारंभिक कक्षाओं में सतत् मूल्यांकन आवश्यक है ताकि पिछड़ रहे छात्र / छात्राओं का ससमय आकलन कर उनपर शिक्षकों द्वारा सम्यक ध्यान केन्द्रित किया जा सके । सतत् मूल्यांकन हेतु कार्य योजना बनायी जा रही है। 

10. शिक्षक प्रशिक्षण - शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने हेतु शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण देना आवश्यक है। वर्ष 2023-24 में शिक्षकों के प्रशिक्षण को प्रमुखता से क्रियान्वित कराया जायेगा एवं सभी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को नोडल बनाकर देश की प्रमुख संस्थानों / व्यक्तियों के संसाधनों को प्रशिक्षण में उपयोग किया जायेगा ।

मैं बिहार सरकार के द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किये जा रहे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को संक्षिप्त रूप में आपके समक्ष रखना चाहता हूँ- 

11. बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन संबंधी योजनाएँ– 

(i) मुख्यमंत्री बालिका साईकिल योजना 

वित्तीय वर्ष 2007-08 से यह योजना आरंभ हुई । प्रथम वर्ष इससे 1,56,092 छात्राएँ लाभान्वित हुई। इसके अन्तर्गत राज्य के राजकीय / सहित)/अल्पसंख्यक प्रस्वीकृत मदरसा / संस्कृत एवं वित्त राजकीयकृत / प्रोजेक्ट (उत्क्रमित रहित माध्यमिक विद्यालयों में 9वीं कक्षा के छात्राओं को प्रति छात्रा पूर्व से ₹2,500 / - ( दो हजार पाँच सौ रूपये) को बढ़ाकर वर्तमान में ₹3,000 / - ( तीन हजार रूपये) की दर से साईकिल क्रय हेतु उनके बैंक खातो में DBT के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाती है, जो सतत् चल रही है। 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी इस योजना में 6,75,125 (छः लाख पचहत्तर हजार एक सौ पचीस) बालिकाओं को प्रति बालिका ₹3,000 / - ( तीन हजार रूपये) की दर से DBT के माध्यम से ₹202.36 करोड़ (दो अरब दो करोड़ छत्तीस लाख रूपये) उपलब्ध करायी जा रही है । 

(ii) बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना 

(a) वित्तीय वर्ष 2011-12 से इस योजना अन्तर्गत राज्य के अंगीभूत / संबंद्धता प्राप्त महाविद्यालयों / राजकीय / राजकीयकृत / प्रोजेक्ट (उत्क्रमित सहित ) / अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों एवं अनुदानित प्रस्वीकृत मदरसा / संस्कृत एवं वित्त रहित माध्यमिक / उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों / इन्टर महाविद्यालयों में नवम् से बारहवीं कक्षा के प्रति छात्रा को ₹1,500 / - ( एक हजार पाँच सौ रूपये) की दर से इस योजना के अंतर्गत उनके बैंक खातो में DBT के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाती है । 

वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी राज्य योजना मद से नवम् से बारहवीं कक्षा के 18,08,534 (अठारह लाख आठ हजार पाँच सौ चौंतीस) छात्राओं को प्रति छात्रा ₹1,500 /- (एक हजार पांच सौ रूपये) की दर से बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के अंतर्गत उनके बैंक खातों में DBT के माध्यम से कुल ₹271.28 करोड़ (दो सौ इकहत्तर करोड़ अठाईस लाख रूपये) उपलब्ध करायी जा रही है। 

(iii) मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना ( सैनिटरी नैपकिन) 

(a) वित्तीय वर्ष 2014-15 से इस योजना अन्तर्गत सैनिटरी नैपकिन के क्रय हेतु वर्ग 7 से वर्ग 12 तक की छात्राओं को प्रति छात्रा ₹100 / - की दर से, वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक ₹150/- की दर से एवं 2018-19 से ₹300/- की दर से उनके बैंक खातों में DBT के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी जाती है । 

(b) वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य योजना मद से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों की 29,31,078 ( उन्नतीस लाख इकतीस हजार अठहत्तर) छात्राओं को प्रति छात्रा ₹300 / - ( तीन सौ रूपये) की दर से उनके बैंक खातों में क्ठ के माध्यम से कुल ₹87.94 करोड़ (सत्तासी करोड़ चौरानवे लाख रूपये) उपलब्ध करायी जा रही है । 

(iv) मुख्यमंत्री बालिका (इन्टरमीडिएट प्रोत्साहन ) योजना 

(a) वित्तीय वर्ष 2018-19 से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इन्टरमीडिएट की परीक्षा में उत्तीर्णत्ता प्राप्त सभी कोटि के अविवाहित छात्राओं को इस योजना के तहत प्रति छात्रा ₹10,000 / - ( दस हजार रूपये) की दर से DBT के माध्यम से राशि उपलब्ध करायी गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर ₹25,000 (पचीस हजार रूपये) करने का निर्णय लिया गया है। 

वित्तीय वर्ष (a) में राज्य योजना मद से वर्ष 2022 की इन्टरमीडिएट की परीक्षा में उत्तीर्णत्ता प्राप्त सभी कोटि के अविवाहित 5,21,078 ( पाँच लाख इक्कीस हजार अठहत्तर) छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका (इन्टरमीडिएट प्रोत्साहन ) योजना के तहत प्रति छात्रा ₹25,000/- ( पचीस हजार रूपये) की दर से DBT के माध्यम से कुल ₹1302.70 करोड़ (तेरह अरब दो करोड़ सत्तर लाख रूपये) राशि उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है। 

(v) मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना 

(a) राज्य में बालिकाओं को उच्चत्तर शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित करने के 
निमित्त वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, जिसके तहत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को प्रोत्साहन के रूप में प्रति छात्रा ₹25,000/- (पच्चीस हजार रूपये) उपलब्ध करायी गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर ₹50,000 ( पचास हजार रूपये) करने का निर्णय लिया गया है। 
वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना अन्तर्गत कुल 38,800 (अड़तीस हजार आठ सौ) छात्राओं को ₹135.00 करोड़ (एक अरब पैंतीस करोड़ रूपये) उपलब्ध करायी जा रही है । 

(vi) कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय- 

(a) समाज के कमजोर वर्ग की छीजित (ड्रॉप आउट) बालिकाओं को प्रारंभिक शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु वित्तीय वर्ष 2005-06 में यह योजना प्रारंभ की गई। इस योजना अन्तर्गत कक्षा 6 से 8 तक के राज्य में 535 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय संचालित हैं, जिसमें कुल 50,483 (पचास हजार चार सौ तेरासी) बालिकाएँ शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। साथ ही, 

(b) कक्षा - IX से XII तक के 134 संचालित कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में कुल 9, 112 ( नौ हजार एक सौ बारह) बालिकाएँ शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। सभी संचालित कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में छात्राओं के लिए आवासीय सुविधा भी उपलब्ध है । 

(c) बिहार में संचालित उक्त महत्त्वपूर्ण योजनाओं के कारण बालिका शिक्षा में हुई उल्लेखनीय प्रगति के फलस्वरूप 2022 की मैट्रिक एवं इन्टरमीडिएट परीक्षा में कुल परीक्षार्थियों में बालिकाओं की भागीदारी लगभग 50 प्रतिशत हो गई है। आज माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक स्तर तक बालक एवं बालिका शिक्षा में अन्तर (ळंच ) शून्य है । 

शिक्षा विभाग के अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य - 

12. शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 01 से 08 के सभी सरकारी / सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध करायी जायेगी । 

13. विद्यार्थियों को पठन-पाठन सामग्री डिजिटल के रूप में उपलब्ध कराने के लिए e-LOTS (e-Library of Teachers Students) पर कक्षा 1 से 12 के सभी पाठ्यपुस्तक, पाठ आधारित विडियो, संदर्भ विडियो, बच्चों के स्वमूल्यांकन के लिए प्रश्नोत्तरी एवं शिक्षकों के लिए उपयोगी सामग्री को अपलोड किया गया है। 

जिसमें देश / राज्य की नामचीन पेशेवर शिक्षा देने वाले संस्थानों के लिए दी जाने वाली राशि की सीमा में बढ़ोत्तरी की जायेगी । 

(b) विदेश में पढ़ने जाने वाले समाजिक एवं शैक्षणिक आर्थिक रूप से कमजोर छात्र / छात्राओं को विशेष छात्रवृत्ति भी देने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। 

18. शोधकार्य- 

बिहार के विश्वविद्यालयों में शोधकार्य की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय फेलोशिप देने का प्रस्ताव भी सरकार के विचाराधीन है। भविष्य में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्री० पी० एच० डी० प्रवेश परीक्षा संयुक्त एवं एकीकृत रूप से कराने की योजना है । 

19. ई-लाईब्रेरी - राज्य में उच्चत्तर शिक्षा में संलग्न छात्र / छात्राओं को ई-लाईब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधीन संस्थान इंफ्लिबनेट के साथ सभी विश्वविद्यालयों का समझौता पत्र हस्ताक्षरित किया गया है एवं इसे वर्ष 2023-24 में पूर्ण रूपेण क्रियान्वित बना दिया जायेगा । 

20. बिहार के वैसे बच्चे जो विदेशों के उच्च संस्थाओं में नामांकन कराना चाहते हैं, के लिए विदेश अध्ययन हेतु छात्र ऋण की व्यवस्था कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई प्रगति पर है । 

माँग विवरण 

(i)शिक्षा विभाग के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 के व्यय वहन हेतु कुल ₹404509129000 (चार सौ चार अरब पचास करोड़ एकानवे लाख उनतीस हजार रूपये) का उपबंध माँग संख्या - 21 के अन्तर्गत प्रस्तावित है । इसमें स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के अलावे राज्य स्कीम एवं केन्द्र प्रायोजित स्कीम शामिल हैं । 

(ii) इसमें स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के लिये ₹182505629000 (एक सौ बेरासी अरब पचास करोड़ छप्पन लाख उनतीस हजार रूपये) प्रस्तावित है। ;पपपद्धवार्षिक स्कीम के लिए कुल ₹222003500000 (दो सौ बाईस अरब पैतीस लाख रूपये) का प्रस्ताव है, जिसमें केन्द्र प्रायोजित स्कीम अन्तर्गत केन्द्रांश की राशि ₹120131400000 (एक सौ बीस अरब तेरह करोड़ चौदह लाख रूपये) राज्यांश की राशि ₹40000000000 ( चालीस अरब रूपये) एवं राज्य स्कीम के लिए ₹61872100000 ( एकसठ अरब सत्तासी करोड़ इक्कीस लाख रूपये) का बजट प्रस्तावित है । 

आप सबों से आग्रह है कि बिहार में बच्चों की शिक्षा के लिए किये जा रहे कार्य में सहयोग दें और शिक्षा विभाग की माँग स्वीकृत करने की कृपा करें। 

------o------

आओ एक जुट होकर सब, एक शिक्षित समाज बनाएँ, 
संकुचित विचारों वाली मानसिकता को, सबके मन से मिटायें। 

धर्म-जाति का भेद मिटे सब, बस मानव धर्म हो सर्वोपरी, 
जिससे हो सके समाज में एक नई चेतना और जागृति। 

दिनांक-13 मार्च, 2023 को शिक्षा एवं उससे संबंधित विषयों पर सदन में शिक्षा मंत्री का वक्तव्य। PDF👈

1 comment

  1. शिक्षा में गुणवत्ता तभी संभव हो सकेगा जब तक कि समान शिक्षक प्रणाली बहाल नहीं किया जाएगा, चाहे कितनी भी स्कूल बना लें, पोशाक, छात्र वृत्ति, साईकिल योजना चला लें। क्योंकि शिक्षकों का एक ही नियमावली है बाकी जो भी नियमावली सरकार बनाती है वह शिक्षक और शिक्षा के विरुद्ध है एक संविधान एक नियमावली सरकार बहाल कर दे ऑटोमैटिक शिक्षा में गुणवत्ता होगी।
Thanks! Regularly Visit niyojit.in