सेवाशर्त-2020 के आलोक में पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत कार्यरत आहर्ता प्राप्त शिक्षकों से कालबद्ध प्रोन्नति स्वीकृत करने हेतु आवेदन जमा करने के लिए पत्र जारी।
कालबद्ध प्रोन्नति क्या होता है?
पदोन्नति अर्थात् 'पद की उन्नति' किसी विभाग के किसी कर्मचारी का पद बदलकर उसे उससे ऊपर वाला पद देना पदोन्नति (promotion) कहलाता है। पहला, 12 साल की सेवा पूरी करने पर और उसके बाद 24 साल की सेवा पूरी करने पर कर्मचारियों को दो कालबद्ध प्रोन्नति (टीबीपी) लाभ देने का प्रावधान है। पदोन्नति दो तरह की होती है-
- संवर्ग परिवर्तन – जब एक संवर्ग का कर्मचारी दूसरे संवर्ग में पदोन्नत होता है तो यह 'संवर्ग परिवर्तन पदोन्नति' कहलाती है। जैसे- यदि प्रारम्भिक शिक्षक जो स्नातक शिक्षको के समतुल्य योग्यता धारण करते हों उन्हे एक निर्धारित समयावधि 12 वर्षों में स्नातक शिक्षक के पद पर प्रोन्नति किया जाए। ऐसे में ये प्रारम्भिक संवर्ग से स्नातक संवर्ग के शिक्षक हो जाएंगे और इन्हे उस समय से स्नातक शिक्षकों के समान वेतन और अन्य सुविधा प्राप्त होने लगेगा।
- वेतन पदोन्नति – जब एक ही सेवा या संवर्ग के कर्मचारी वर्तमान स्थिति से उच्च पद के वेतन के समकक्ष पदोन्नति होते है और उसी पद पर बने रहते हैं। अर्थात सिर्फ वेतन ऊपर के पद के समतुल्य हो जाता है तो यह 'वेतन पदोन्नति' कहलाती है।
- वरिष्ठता आधारित पदोन्नति- वरिष्ठता पर आधारित पदोन्नति एक परम्परागत एवं सरल प्रणाली है। इसके अनुसार उस कार्मिक के पहले पदोन्नति मिलेगी जिसकी सेवा अवधि दूसरों की तुलना में 12 वर्ष अधिक होगी।
- योग्यता आधारित पदोन्नति- प्रतियोगी परीक्षा या उत्कृष्ठ कार्य के आधार पर प्रोन्नति किया जाता है। प्रतिस्पर्धा प्रवृत्तियों से युक्त योग्यता के आधार पर प्रोन्नति अच्छा होता है। किन्तु इस सिद्धान्त के कारण जब कम कनिष्ठ व्यक्ति उच्च पद पर पहुंच जाता है तो वरिष्ठ कार्मिकों का सम्मान आहत होता है साथ ही कार्मिक असहयोग एवं संघर्ष प्रवृत्तियों को धारण कर लेते हैं।
कालबद्ध प्रोन्नति की आहर्ता क्या है?
पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत विद्यालयों में कार्यरत बेसिक ग्रेड शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत वैसे प्रारंभिक शिक्षकों को कालबद्ध प्रोन्नति देनी है, जिनकी मूल कोटि (बेसिक ग्रेड) में सेवा अवधि 12 वर्ष पूरी हो चुकी है। ऐसे आहर्ता धारण करने वाले शिक्षकों को बिना किसी परीक्षा के 12 वर्षों के लगातार सेवा इतिहास हो उन्हे आवेदन लेकर प्रोन्नति किए जाएगा।
सेवाशर्त नियमावली-2020 में प्रोन्नति का क्या है नियम?
पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के लिए प्रोन्नति/आनुशासनक कार्यवाई सेवाशर्त नियमावली-2020 शिक्षा विभाग, बिहार के विभागीय अधिसूचना संख्या -709 एवं 710, दिनांक-21-08-2020 की कंडिका-16(II) के आलोक में मूल कोटि (बेसिक ग्रेड) में योगदान तिथि या प्रशिक्षित आहर्ता प्राप्त करने की तिथि जो बाद की तिथि हो से 12 वर्ष की लगातार सेवा के साथ दक्षता परीक्षा उत्तीर्णता के आधार पर अगले वेतनमान (स्नातक ग्रेड) में प्रोन्नति का प्रावधान है।
मूल कोटि से अगले वेतनमान (स्नातक कोटि) में प्रोन्नति के लिए आहर्ता क्या है?
- प्रशिक्षण के उपरांत मूल कोटि (बेसिक ग्रेड) में 12 वर्षों की लगातार सेवा।
- दक्षता या पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर लिए हों।
- प्रोन्नति के फलस्वरूप वेतनमान स्नातक कोटि का हो जाएगा।
- प्रोन्नति के उपरांत वेतनमान स्नातक कोटि का प्राप्त करेंगे लेकिन शिक्षक बेसिक कोटि के ही रहेंगे।
प्रोन्नति के फलस्वरूप बेसिक ग्रेड शिक्षक अपने ही कोटि में बने रहेंगे। सिर्फ वेतनमान स्नातक कोटि का हो जाएगा।
🔗 टाइम-बॉन्ड (कालबद्ध) प्रोन्नति प्रारंभिक नियोजित शिक्षक को स्नातक ग्रेड वेतनमान में प्रोन्नति के लिए जिला से निर्गत पत्र। PDF Letter Download 👈
🔗 प्रोन्नति के लिए आवेदन पत्र Application Form PDF 👈
🔗 शिक्षा विभाग, बिहार के विभागीय अधिसूचना संख्या -709 एवं 710, दिनांक-21-08-2020 (Hindi & English) GoTo Page 👈