शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को शहरी आवास भत्ता तय करने की शक्ति जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रत्यायोजित किया गया।
शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों को शहरी आवास भत्ता स्वीकृत करने का अधिकार अब जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास किया गया। अबतक यह अधिकार उप-विकास आयुक्त के पास था। शिक्षा विभाग, बिहार के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। दरअसल, बिहार राज्य कर्मचारी (मकान किराया भत्ता) नियमावली, 1980 के प्रावधान के तहत शहरी सीमा के 8 किलोमीटर की परिधि में स्थित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों को आवास भत्ता की स्वीकृति के लिए विभाग स्तर पर उपविकास आयुक्त को शक्ति दी गई थी। कालांतर में स्थानीय निकायों द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति एवं विभाग द्वारा उन्हें वेतनमान देते हुए समय-समय पर राज्य कर्मियों के अनुरूप मकान किराया भत्ता दिए जाने के प्रावधान, कई ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सीमा में शामिल करने, नए शहरी क्षेत्रों को अधिसूचित किए जाने के कारण संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। यह व्यवस्था राजकीयकृत उच्च विद्यालयों, उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय व राजकीय बुनियादी विद्यालय में लागू होगी।
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- सभी नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत जो पहले से थे और जो आज के तारीख तक बनाए गए के 8 किलोमीटर परिधि में आने वाले सभी सरकारी विद्यालय।
- आवास भत्ता भी मिलेगा और शहरी भत्ता भी दिया जा सकेगा।
- सभी तरह के शिक्षक, परिचायी, लिपिक आदि को देय होगा।
- प्राथमिक से उच्य माध्यमिक तक के शिक्षकों पर लागू होगा।
💙 अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह शिक्षा विभाग बिहार पटना ने पत्र PDF 🔗 के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र PDF Letter Link 🔗